बजट के बाद बड़ा झटका; RBI ने महंगा कर दिया लोन, रेपो रेट में अब इतनी बढ़ोतरी
RBI Repo Rate Latest News
RBI Repo Rate Latest News: केंद्रीय बजट आने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक बड़ा झटका दे दिया है। आरबीआई ने रेपो रेट में .25 अंक की बढ़ोतरी (Repo Rate Hike) कर दी है। अब रेपो रेट 6.50 फीसदी होगा। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बताया कि मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक (RBI Monetary Policy) में रेपो रेट बढ़ाने का निर्णय हुआ है। गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने इस अहम बैठक में की गईं अन्य समीक्षाओं और फैसलों की भी जानकारी दी।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, वित्त वर्ष 2023-2024 में रियल GDP ग्रोथ 6.4% की संभावना है। साथ ही 2023-24 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति औसतन 5.6% रहने की उम्मीद है। दास ने कहा कि वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण अब उतना गंभीर नहीं दिखता जितना कुछ महीने पहले था। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में विकास की संभावनाओं में सुधार हुआ है, जबकि मुद्रास्फीति कम हो रही है, हालांकि मुद्रास्फीति अभी भी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में लक्ष्य से काफी ऊपर है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि, पिछले तीन वर्षों की अभूतपूर्व घटनाओं ने दुनिया भर में मौद्रिक नीति की परीक्षा ली है। उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं को नीतिगत विश्वसनीयता बनाए रखते हुए आर्थिक गतिविधियों को समर्थन देने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के बीच तीव्र व्यापार-बंद का सामना करना पड़ रहा है।
रेपो रेट में लगातार छठी बार बढ़ोतरी
बतादें कि, रेपो रेट में यह बढ़ोतरी लगातार छठी बार की गई है। आरबीआई द्वारा मई से रेपो रेट बढ़या जा रहा है। आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढाए जाने से लोन लेने वालों पर सीधा असर पड़ेगा। रेपो रेट बढ़ने से बैंक से मिलने वाला लोन (कार लोन, होम लोन सहित अन्य लोन) महंगा हो जाएगा। अब आपको लोन ज्यादा ब्याज दर से चुकाना होगा। यानि आपकी EMI ज्यादा ब्याज पर जाएगी. भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब महंगाई भी चरम पर है। हालांकि रेपो रेट में बढ़ोतरी का उन ग्राहकों को फायदा होगा जिन्होंने एफडी (FD) करा रखी है।
रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
हालांकि, रिवर्स रेपो रेट में न तब कोई बदलाव किया गया था और न अब कोई बदलाव किया गया है। आरबीआई द्वारा रिवर्स रेपो रेट में अभी कोई छेड़छाड़ नहीं की जा रही है। रिवर्स रेपो रेट को उसके पुराने स्तर 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।
तय था रेपो रेट बढ़ना
आपको बतादें कि, पहले से ही यह माना जा रहा था कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट जरुर बढ़ाया जाएगा। क्योंकि दुनियाभर की सेंट्रल बैंकें भी ब्याज दरों में इजाफा कर रही हैं। बताया जा रहा है कि, इससे भले ही लोन लेने वालों को झटका लगे लेकिन महंगाई का दवाब कम करने के लिए रेपो रेट में बढ़ोतरी की जा रही है।
क्या होता है रेपो रेट?
दरअसल, आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है और रेपो रेट (RBI Repo Rate) के हिसाब से उस कर्ज पर ब्याज लेता है। और जब बैंकों को आरबीआई से कर्ज महंगा पड़ता है तो वह आगे ग्राहकों को भी कर्ज महंगा देती हैं। इसलिए रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाला लोन सस्ता हो जाता है और अगर बढ़ोत्तरी हो जाती है तो आपका लोन महंगा हो जाता है।
रिवर्स रेपो रेट क्या होता है?
जब बैंकें अपना पैसा आरबीआई में जमा करती हैं तो आरबीआई बैंकों को रिवर्स रेपो रेट (RBI Reverse Repo Rate) के हिसाब से उस पैसे पर ब्याज देता है। बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम उसके पास जमा करा दें।